जीअल सीखीं March 12, 2022 प्रफुल्ल चन्द्र ओझा 'मुकत' 1 Comment Rate this post लेखक : प्रफुल्ल चन्द्र ओझा ‘मुकत’ Total Page Visits: 1270 - Today Page Visits: 3 Categories: किताब निबंध / लेख प्रफुल्ल चन्द्र ओझा 'मुकत' लेखक Tags: किताब, निबंध/लेख
भोजपुरी साहित्य अकादमी के निदेशक स्व. हवलदार त्रिपाठी ‘सहृदय’ जी के निरंतर आग्रह-अनुरोध पर मेरे पिताजी ने यह पुस्तक लिखी थी। मेरे संग्रह में इस पुस्तक की एकमात्र प्रति सुरक्षित है! पिताजी के श्रम का स्मरण करने लिए भोजपुरी साहित्यांगन का आभार…!
भोजपुरी साहित्य अकादमी के निदेशक स्व. हवलदार त्रिपाठी ‘सहृदय’ जी के निरंतर आग्रह-अनुरोध पर मेरे पिताजी ने यह पुस्तक लिखी थी। मेरे संग्रह में इस पुस्तक की एकमात्र प्रति सुरक्षित है! पिताजी के श्रम का स्मरण करने लिए भोजपुरी साहित्यांगन का आभार…!