One Reply to “तीन नाटक (मेहरारुन के दुर्दशा,नइकी दुनिया, जोंक)”
भोजपुरी साहित्यांगन जवन भोजपुरी ई-पुस्तकालय के समृद्ध कर रहल बा, उ भोजपुरी के प्रति सबसे महान सेवा बा। भोजपुरी साहित्यांगन ना रहित त भोजपुरी के बिसाल साहित्यिक भंडार का पता ना चल पाइत।
साधुवाद बा!
हँ, तीन नाटक त मिलि गइल। पांच नाटक भी मिल जाये त जिनिगी सफल हो जाई।
भोजपुरी साहित्यांगन जवन भोजपुरी ई-पुस्तकालय के समृद्ध कर रहल बा, उ भोजपुरी के प्रति सबसे महान सेवा बा। भोजपुरी साहित्यांगन ना रहित त भोजपुरी के बिसाल साहित्यिक भंडार का पता ना चल पाइत।
साधुवाद बा!
हँ, तीन नाटक त मिलि गइल। पांच नाटक भी मिल जाये त जिनिगी सफल हो जाई।